सम्पादकीय

खामो.....श.... श...श..?

माननीय का P.A, 'पिये हुए हैं'।
पार्टी और नेताओ की बदौलत या फिर
लहर में जीते माननीय को 5 साल तक यही घमंड रहता है कि जो जीत उन्हें मिली है, वो उसके रसूक व कार्यशैली या फिर पार्टी के लिए काम करने के इनाम के रूप में मिली है। 
माननीय महोदय को अपनी गलतफहमी का अहसास उस वक्त होगा जब वो पुनः जनता के दुख-दर्द दूर करने की एवज में वोट का मेहनताना निर्दलीय मैदान में उतर मांगेंगे। उनका भ्रम उस समय उड़नछू होगा जब वोटों का मोल लगाने पर भी बक्से खाली ही निकलेंगे और जमानत बचाने लायक वोटों तक पहुंचना भी मुश्किल होगा। 

 माननीय महोदय जी आप बहुत बडे मुगालते में हो, जनता को भी पता कि आप अपने रसूख के दम पर नही अपनी पार्टी के बेदाग नेताओ के त्याग, तपस्या और बलिदानों को भुनाकर जीते हो। ये जो पब्लिक है वो जानती है जिसने अपना जीवन सिर्फ जनता के हितों के लिए दांव पर लगा रखा है उनकी बदौलत ही आप एक आम आदमी से माननीय बने हो।

 आज काले शीशे वालें A.C. रूम में बैठकर भले ही आप सच से मुँह छिपा ले लेकिन आपको सच से सामना उस वक्त तो करना ही पड़ेगा जब वोट की गुहार लगाने रास्तों की धूल फांक रहे होंगे। उस कष्ट भरे समय में आपके दिलोदिमाग में जनता की जायज व दिल को जख्मी कर देने वाली बातें कंटीली झाड़ियों की माफिक जरूर धँसेगी। उस वक्त आपको ज्ञान  की अनुभूति होगी कि आपके P. A. ने वेतन तो जनता के बीच संवाद बनाने का लिया था लेकिन काम जनता को आपसे दूर करने का किया है।

 माननीय आपका P.A. आपको जनता, मतदाताओं, शुभचिंतकों, समर्थकों से तो दूर कर रहे है साथ ही साथ आपको राजनीति से भी दूर करने का षड्यंत्र रच रहे है।
 ये षड्यंत्र विपक्षी द्वारा भी रचा हो सकता है फिर आपके किसी ऐसे चाहने वालों का रचा हो सकता है जो आपसे दिखावे का तो प्रेम कर रहा हो परन्तु अन्दर से आपके राजैनतिक व्रक्ष की जमी जड़ में मठ्ठा लड़वा रहा हो। 
खैर यह आप देखिए..
हम ठहरे जनता के सारथी संजय जो आपको प्रजा की भलाई के लिए राजा धृष्टराष्ट मानकर वर्तमान में आपको, आपका भविष्य दिखा रहे है।

इसे आप सलाह माने या कटाक्ष लेकिन है बात 16 आने खरी लिख रहे है कि देश के किसी भी माननीय को अगर मिशन 2024 पूरा करने के लिए अपनी पार्टी में पुनः सहयोगी बनना है तो आज से ही अपने P.A(पर्सनल सेक्रेट्री) का फोन अपने पास रखने की हमारी सलाह पर विचार करे और अगर विचार सही लगे तो जनता के फोन खुद रिसीव करना शुरू करें वरना 2024 में जय श्रीराम होगा काम की जगह श्रीराम नाम सत्य ही होगा। पंकज वालिया(मान्यता प्राप्त पत्रकार)