कांधला में पोस्टरबाजी, थानाभवन में सीनाजोरी...


◘ पंकज वालिया 
शामली: नागरिकता संशोधन कानून को लेकर इस समय देश के विभिन्न हिस्सों में मुस्लिम संगठनों द्वारा विरोध प्रदर्शन किए जा रहे हैं। इस कानून के विरोध में कई राज्यों में विरोध प्रदर्शन के साथ-साथ बवाल, आगजनी, तोडफोड की घटनाएं भी प्रकाश में आयी थी। केन्द्र सरकार ने कई बार इस कानून से देश के किसी भी मुस्लिम को कोई खतरा न होने की अपील भी की थी लेकिन इसके बावजूद भी दिल्ली सहित कई राज्यों में अभी तक विरोध प्रदर्शनों का दौर जारी है। इस कानून के विरोध में शामली के मुस्लिमों ने भी विरोध प्रदर्शन किया था। शहर के मौहल्ला आजाद चौंक में विरोध प्रदर्शन के दौरान लोगों ने पुलिसकर्मियों के साथ धक्कामुक्की भी की थी जिसके बाद मौके पर पहुंची भारी पुलिस फोर्स ने मामले को संभाला था। विरोध प्रदर्शन के दौरान जुमे की नमाज को लेकर भी पुलिस प्रशासन अलर्ट रहा था। नमाज के दौरान ईदगाह सहित तमाम मस्जिदों के बाहर सुरक्षा व्यवस्था कडी की गयी थी। इस कानून को लेकर देश में विभिन्न मुस्लिम संगठनों द्वारा बुधवार को भारत बंद का आहवान किया गया था। इस बंद का शामली में कोई खास असर दिखाई नहीं दिया, कानून के विरोध में शहर में कोई विरोध प्रदर्शन नहीं हुआ। बाजारों में भी सिर्फ मुस्लिम समुदाय की कुछ दुकानें ही बंद रही जबकि अन्य दुकानें पूरी तरह खुली और ग्राहकों ने दुकानों पर पहुंचकर खरीददारी भी की। शहर के दिल्ली रोड, तिमरशाह, बडा बाजार, फाटका बाजार, कबाडी बाजार, फव्वारा चौंक, टायर मार्किट पर मुस्लिम समुदाय की कुछ दुकानें ही बंद रही जबकि अन्य दुकानें प्रतिदिन की भांति खुली रही। हालांकि सुरक्षा व्यवस्था की दृष्टि से शहर के विभिन्न हिस्सों में पुलिसकर्मियों की तैनाती अवश्य की गयी थी। एसपी विनीत जायसवाल ने भी पुलिसकर्मियों को मुस्तैद रहने के दिशा निर्देश दे रखे थे। दूसरी ओर आसपास के देहात क्षेत्रों कैराना, कांधला, झिंझाना आदि स्थानों पर भी भारत बंद को लेकर बाजारों में मुस्लिम समुदाय की दुकानें बंद रही वहीं अन्य दुकानें खुली रही। हालांकि कैराना व कांधला में बुधवार को साप्ताहिक बंदी के कारण बाजार में दुकानें बंद रही। 


कांधला में पोस्टर चिपकाने वाले शख्श कौन?
कांधला में बुधवार को साप्ताहिक बंदी के दौरान दुकानें पहले से ही बंद थी। सुबह के समय कुछ युवक झुण्ड की शक्ल में दुकानों पर पहुंचे। उनके द्वारा बंद दुकानों पर नो सीएए, नो एनआरसी, नो एनपीआर के पोस्टर चिपकाते हुए बंद दुकानों को भारत बंद का रूप देने की कोशिश की गई। मामले में अभी तक भी पुलिस द्वारा आरोपियों के खिलाफ कोई कानूनी कार्रवाई की सूचना नही मिली है। 


थानाभवन में क्यों जबरन बंद कराई गई दुकानें? 
थानाभवन में भी युवकों के एक झुण्ड ने दुकानों को जबरन बंद कराने की कोशिश की। सूचना पर पहुंची पुलिस ने सादिक नाम के एक युवक को गिरफ्तार करते हुए शांति भंग में चालान कर दिया। 15-20 युवकों के झुण्ड द्वारा जबरन दुकान बंद कराते समय उनकी दुकानदारों से तीखी नोंक-झोंक भी हुई।