मां ही दिखा सकती है इतना बड़ा हौंसला...


◘ पंकज वालिया 


यूं ही कोई अपनी जान जोखिम में नही डालता...रास्ता अगर बंद हो, तो लोग पहले ही मुड़ जाते हैं...लेकिन एक मां ही ऐसी होती है, जो अपने बच्चों के लिए अपनी जिंदगी को भी दांव पर लगा सकती है। कांधला में हुए विस्फोट में अपनी जान गंवाने वाले लोग किसी ना किसी मजबूरी के चलते ही बारूद के साथ खेलकर अपनी जिंदगी दांव पर लगाए बैठे थे... हादसे का शिकार हुई महिला निर्मला की भी कुछ ऐसी ही मजबूरी थी...एक महीने बाद ही उसे अपनी बेटी के हाथ पीले करने थे, इसी के चलते वह पटाखा फैक्ट्री में मजदूरी कर रही थी...


शामली (दर्पण)। कांधला क्षेत्र के गांव जसाला में शुक्रवार को फरमान फायर वक्र्स नामक पटाखा फैक्टरी में उस समय जबरदस्त विस्फोट हो गया था जब कर्मचारी पटाखा बनाने का काम कर रहे थे। विस्फोट में तीन महिलाओं समेत पांच लोगों के शरीर के चीथडे उड गए थे। मरने वालों में पटाखा फैक्टरी मालिक इंतजार पुत्र ग्यासुद्दीन, महिला कर्मचारी निर्मला पत्नी श्यामलाल, नरेशो पत्नी रामफल,  सुदेशो उर्फ सरस्वती पत्नी बिलेन्द्र निवासीगण मौहल्ला रायजादगान व शैंकी निवासी इस्लामपुर घसौली शामिल थे। विस्फोट से पूरी फैक्टरी भी धराशायी हो गयी थी तथा आग  लगने से वहां रखा सामान भी पूरी तरह से तहस-नहस हो गया था। विस्फोट इतना भीषण था कि गांव में कई घर तक हिल गए थे। पुलिस ने शवों को कब्जे में लेकर उन्हें पोस्टमार्टम के लिए भेज दिया था जिनका रात में ही पोस्टमार्टम कराकर शवों के परिजनों के सुपुर्द कर दिया गया था।  शनिवार की सुबह विस्फोट में मारी गयी नरेशो, सरस्वती व निर्मला के परिजनों ने मुआवजे की मांग को लेकर तीनों शवों को चैपाल पर रखकर हंगामा शुरू कर दिया। परिजनांे के हंगामा करने की सूचना पर एसडीएम कैराना मणि अरोडा व पुलिसकर्मी मौके पर पहुंचे तथा परिजनों को समझाने बुझाने का प्रयास किया लेकिन परिजन मुआवजे की मांग पर अड गए जिसके बाद एसडीएम ने तीनों महिलाओं के परिजनों को पांच-पांच लाख रुपये के  मुआवजे सहित मुख्यमंत्री राहत कोष से भी आर्थिक सहायता दिलाए जाने का आश्वासन दिया। इसी बीच  विधायक तेजेन्द्र निर्वाल व एमएलसी वीरेन्द्र सिंह भी मौके पर पहुंचे तथा परिजनों को समझा बुझाकर शांत करने के बाद शवों का अंतिम संस्कार करने के लिए मनाया जिसके बाद गमगीन माहौल में शवों का अंतिम संस्कार कर दिया गया। इस दौरान भारी संख्या में पुलिस फोर्स भी मौजूद रहा। दूसरी ओर गांव इस्लामपुर घसौली निवासी 20 वर्षीय शैंकी की अंतिम यात्रा के दौरान पूरा गांव शोक में डूबा रहा। शोक के चलते गांव में किसी के घर में चूल्हे भी नही जले, शैंकी की मां-बाप व चारों बहनों का रो-रोकर बुरा हाल था। शैंकी की शव यात्रा में भी भारी संख्या में ग्रामीण शरीक हुए। वहीं सैंकडों लोगों की भीड के बीच फैक्टरी मालिक इंतजार को भी गमगीन माहौल में सुपुर्दे खाक कर दिया गया। पांच लोगों की मौत से परिजनों का रो-रोकर बुरा हाल है। लोग मृतकों के आवास पर पहुंचकर उन्हें सांत्वना दे रहे हैं।