पुलिस के इस शहीद योद्धा की बदौलत आज शांत है कैराना...


report by pankaj waliya: कभी गुण्डागर्दी की दहशत और पलायन की चींखों से गूंजने वाला यूपी का कैराना आज शांत है. आज यहां व्यापारी भी चैन से कारोबार कर रहे हैं. इन हालातों के पीछे उत्तर प्रदेश पुलिस के एक रणबांकुरे की शहादत छिपी हुई है. खाकी वर्दी की आन—बान और शान की खातिर अपने प्राण न्यौछावर करने वाले शहीद अंकित तोमर की दूसरी पुण्यतिथि पर शामली दर्पण उन्हें भावभीनी श्रद्धांजलि अर्पित करता है.

शामली: 2 जनवरी 2018 को मुकीम गैंग के एक लाख के इनामी बदमाश साबिर को ढ़ेर करने के दौरान सिपाही अंकित तोमर को भी सिर और छाती में गोली लग गई थी. बाद में उपचार के दौरान अंकित तोमर शहीद हो गए थे. अंकित की दिलेरी के चलते ही पुलिस साबिर का खात्मा कर पाई थी. इससे पूर्व कैराना का खौफ कहे जाने वाले पचास हजार के इनामी फुरकान की गिरफ्तारी भी अंकित ने सुनिश्चित कराई थी.

शहीद की स्मृति में बना पार्क
. कैराना कोतवाली में शहीद अंकित तोमर की दूसरी पुण्यतिथि का आयोजन किया गया.

. पुण्यतिथि पर संभ्रांत नागरिकों समेत शहीद के पिता जयपाल सिंह को भी आमंत्रित किया गया था.

. शहीद को श्रद्धांजलि अर्पित करते हुए उनकी स्मृति में बनाए गए पार्क का उद्घाटन भी किया गया.

. खाकी के सर्वोच्च बलिदान को उकेरने के लिए पार्क पर शहीद का स्मृति चिन्ह भी लगाया गया है.

2011 में हुए थे पुलिस में भर्ती
बागपत के गांव वाजिदपुर निवासी अंकित तोमर 2011 में यूपी पुलिस में बतौर सिपाही भर्ती हुए थे. उन्हें शामली जिले की कैराना कोतवाली में तैनात कर दिया था. कैराना कोतवाली में रहते हुए उसने कई साहसिक कार्य किए. आठ अप्रैल 2017 को 50 हजार के इनामी बदमाश फुरकान से हुई मुठभेड़ में भी वह शामिल रहे थे. सिपाही अंकित तोमर और शहजाद मुठभेड़ घायल हो गए थे. बावजूद इसके इन दोनों सिपाहियों ने फुरकान को दबोच लिया था.

वर्दी के लिए हमेशा रहते थे तैयार  
कैराना में अपनी तैनाती के दौरान अंकित पत्नी और दोनों बच्चों के साथ कैराना के मोहल्ला गुंबद में अरविंद सिंघल के मकान में किराए पर रहते थे. साथियों के अनुसार अंकित बहुत मिलनसार थे. अंकित अपनी डयूटी को पूरी गंभीरता से निभाते थे और किसी भी परिस्थितियों में घबराते नहीं थे.

इन्होंने कहा—
कैराना कोतवाली थाना परिसर में शहीद अंकित तोमर की दूसरी पुण्यतिथि का आयोजन था. इस अवसर पर संभ्रांत नागरिकों समेत शहीद अंकित तोमर के पिता को भी आमंत्रित किया गया था. शहीद अंकित तोमर की स्मृति में पुलिस और जनता के सहयोग से एक खूबसूरत पार्क बनवाया गया है. पार्क में शहीद का स्मृति चिन्ह भी बनाया गया है. उनके स्मृति चिन्ह से पुलिस की आगे की पीढ़ियां और समाज के लोग प्रेरणा लेंगे. शहीद अंकित तोमर ने एक बदमाश से लड़ते हुए अपना सर्वोच्च बलिदान देते हुए शहादत को प्राप्त किया था.
       — विनीत जायसवाल, पुलिस अधीक्षक शामली