काम सरकारी, लेकिन दुश्मनी हमारी : जूनियर इंजीनियर


◘ पंकज वालिया 


शामली: मथुरा में विद्युत विभाग के जूनियर इंजीनियर की गोली मारकर हत्या के बाद महकमें में आक्रोश का माहौल है। जूनियर इंजीनियरों पर लगातार हो रहे हमले कानून व्यवस्था पर सवाल भी खड़े कर रहे हैं। विभाग के सरकारी कामों को निष्ठा से करने की ऐवज में इन्हें सुरक्षा के बजाय दुश्मनी थोक के भाव में मिल रही है। ऐसे हालात महकमें के कर्मचारियों में असंतोष पैदा करने के लिए काफी हैं। 


खौफ के साये में कर रहे काम 
विद्युत विभाग में जूनियर इंजीनियरों (जेई) पर बड़ी जिम्मेदारी होती है। उनके कंधों पर सरकार  और विभागीय अधिकारियों की मंशा के अनुरूप विद्युत चोरी रोकने, भुगतान नही होने पर विद्युत कनैक्शन काटने, राजस्व की वसूली करने और विभाग का पैसा मारने व बिजली चोरी करने वालों के खिलाफ एफआईआर कराने की जिम्मेदारी भी होती है। यह सब सरकारी कार्य का हिस्सा है, लेकिन इसके बावजूद भी इन्हें लोगों की दुश्मनी का सामना करना पड़ता है। असंतोष इस बात का भी है कि सरकारी कार्य करने के दौरान इन्हें किसी भी तरह की सुरक्षा भी  उपलब्ध नही होती। काम के दौरान लोग बहस करते हुए इनसे रंजिशें पाल लेते हैं। इसी के चलते इंजीनियरों पर हमले की वारदातें दिनों-दिन बढ़ती जा रही है। सुरक्षा के प्रति विभागीय अधिकारियों की अनदेखी जूनियर इंजिनियरों को बड़ी खलती है। ऐसे हालातों में सुरक्षा के प्रति कर्मचारियों में असंतोष पनप रहा है। 


जेई की हत्या पर कार्य बहिष्कार कर जताया विरोध 
मथुरा में हुई इंजीनियर की हत्या के विरोध में शुक्रवार को शामली में भी जूनियर इंजीनियरों ने एक दिवसीय कार्य बहिष्कार करते हुए विरोध प्रदर्शन किया। प्रदर्शन कर रहे जूनियर इंजीनियरों ने बताया कि शामली में भी विभागीय कर्मचारियों के साथ इस तरह की वारदातें हो चुकी हैं। झिंझाना, जलालाबाद, कांधला में हाल ही में जूनियर इंजीनियरों पर हुए हमले इस बात के प्रमाण हैं। उन्होंने अधिकारियों से सरकारी काम के दौरान सुरक्षा उपलब्ध कराने और विभागीय उच्च अधिकारियों से विपरीत परिस्थितियों में त्वरित सहयोग उपलब्ध कराने की मांग की। दिवंगत साथी को भावभीनी श्रद्धांजलि भी अर्पित करते हुए आत्मशांति की प्रार्थना भी की गई।