उत्तर प्रदेश में योगी सरकार कर रही यह बड़ी तैयारी... 


शामली: नागरिकता संशोधन कानून को लेकर प्रदेश भर में हुए विरोध प्रदर्शनों के बाद उत्तर प्रदेश सरकार लगातार कार्रवाई कर रही है। अब इसकी जद में पॉपुलर फ्रंट ऑफ इंडिया संगठन भी आ गया है। मामले में लखनऊ, शामली सहित कई जिलों में संगठन से जुड़े लोगों की गिरफ्तारियां की गईं हैं। ताजा खबर ये है कि इस संगठन पर उत्तर प्रदेश में प्रतिबंध लगाने की तैयारी है। इस संबंध में पुलिस और गृह विभाग की ओर से सरकार को प्रस्ताव भेजा गया है।
   दरअसल पुलिस की अब तक की जांच में पीएफआई यानी पॉपुलर फ्रंट ऑफ इंडिया नामक संगठन का नाम सामने आ रहा है। प्रदेश के अलग-अलग जिलों से अब तक दर्जन भर से ज्यादा पीएफआई कार्यकर्ताओं को गिरफ्तार किया गया है। पुलिस की जांच में ये भी सामने आया है कि पीएफआई में वो लोग भी शामिल हैं, जो सिमी संगठन के प्रतिबंधित होने के बाद फिर से सक्रिय होने के लिए पीएफआई में आ गए हैं। यूपी पुलिस ने पिछले दिनों दावा किया था कि पीएफआई की भूमिका संदिग्ध है। पुलिस और सरकार ने दावा किया है कि प्रतिबंधित संगठन सिमी के लोग पीएफआई नाम के संगठन में शामिल हुए और इन लोगों ने नियोजित तरीके से हिंसा करने के लिए लोगों को उकसाया।


क्या है पीएफआई संगठन
पुलिस के अनुसार पीएफआई एक उग्र इस्लामी कट्टरपंथी संगठन है। देश में इस्लामिक स्टूडेंट्स मूवमेंट ऑफ इंडिया यानी सिमी पर प्रतिबंध के बाद देश के अलग-अलग हिस्सों में कई संगठन खड़े किए गए. इसमें पीएफआई, एसआईएफआई, एसडीपीआई और एफआईआर जैसे संगठन शामिल हैं। पीएफआई की बात करें तो वर्ष 2006 में इसका गठन हुआ था, और रजिस्ट्रेशन 2010 में दिखाया गया है। इस संगठन की भूमिका कई मामलों में संदिग्ध रही है।


झारखंड में लगा प्रतिबंध
बता दें कि झारखंड में पिछले साल फरवरी में इस संगठन को प्रतिबंधित किया गया था। राज्‍य सरकार ने ये कदम इस संगठन के राष्ट्र विरोधी गतिविधियों में शामिल होने की शिकायत मिलने के बाद उठाया था। बाद में यह मामला कोर्ट चला गया था, जहां कोर्ट ने अगस्त में पीएफआई पर प्रतिबंध हटा दिया था। फिर दिसंबर 2018 में राज्य सरकार ने प्रतिबंध का आदेश दिया, जिस पर फरवरी 2019 में अमल करते हुए इनको प्रतिबंधित कर दिया गया। सरकार का कहना था कि यह संगठन प्रदेश का सांप्रदायिक सौहार्द बिगाड़ने का काम कर रहा है। वर्ष 2018 में ही इस संगठन को लेकर केरल में भी जबरदस्‍त बवाल हुआ था और इसको प्रतिबंधित करने की मांग की गई थी। हालांकि राज्‍य सरकार ने इस मांग को खारिज कर दिया था।


शामली में भी जड़े गहरी कर चुका पीएफआई 
पुलिस के अनुसार पीएफआई खुद को एक ऐसे संगठन के तौर पर प्रदर्शित करता है, जो लोगों को उनके हक दिलाने और सामाजिक हितों के लिए काम करता है। हालांकि आरोप ये भी है कि पीएफआई पहले भी कई तरह की गैर कानूनी गतिविधियों में शामिल रहा है। वर्तमान में पीएफआई का असर देश के 13 राज्यों में है। इस संगठन के सदस्‍यों की संख्‍या हजारों में है। लखनऊ समेत पूरे यूपी में पिछले दिनों हुई हिंसा में अब तक की जांच में पता चला है कि पीएफआई से जुड़े लोगों ने सोशल मीडिया जैसे व्हाट्सऐप पर भड़काऊ मैसेज भेजकर लोगों को उकसाने का काम किया। लखनऊ, शामली और मेरठ से पीएफआई के कार्यकर्ताओं को गिरफ्तार भी किया गया है। इनके पास से मोबाइल पर भड़काऊ मैसेज और ऐसे दस्तावेज बरामद किए गए हैं, जो हिंसा में लोगों को उकसाने में प्रयोग किए गए थे।