मेहनत—मजदूरी की कमाई पर सेंध लगती देख भड़के विद्युतकर्मी

विद्युत विभाग के कर्मचारियों ने डिफाल्टर कंपनी में कर्मियों की निवेश की गयी धनराशि के डूबने की आशंका के तहत मेहनत—मजदूरी की कमाई की प्रतिपूर्ति सरकारी कोष से करने की मुख्यमंत्री से मांग की है। 



शामली: विद्युत विभाग के अधिकारियों व कर्मचारियों की एक बैठक विद्युत वितरण मंडल के प्रांगण में आयोजित की गयी। बैठक में विभाग के अधिकारियों व कर्मचारियों के वेतन से माहवार कटौती कर जीपीएफ, सीपीएफ ट्रस्ट में जमा करायी गयी धनराशि को विभाग जीपीएस, सीपीएसफ ट्रस्ट द्वारा डिफाल्टर कंपनी मैसर्स डीएचएफएल व अन्य में निवेश किए जाने के विषय में चर्चा की गयी। वक्ताओं ने कहा कि मीडिया व अन्य माध्यमों से चर्चा में आया है कि कर्मचारियों का जीपीएफ, सीपीएफ का लगभग 4123 करोड रुपया डिफाल्टर कंपनियों में निवेश कए जाने के कारण कर्मचारियों की संचित निधि डूबने के आसार पैदा हो गए हैं जिससे कर्मचारियों आक्रोश फैल गया है। सरकार द्वारा पुरानी पेंशन योजना को समाप्त करके पहले ही नयी पेंशन योजना लागू की गयी है जिसमें भी कर्मचारियों को मिलने वाली पेंशन धनराशि की कोई न्यूनतम सीमा तय नहीं है। यह भी बाजार (शेयर मार्किट आदि) पर ही आधारित है। वक्ताओं ने कहा कि सीपीएफ, जीपीएफ धनरािश का डिफाल्टर कंपनी में निवेश किए जाने तथा धनराशि डूबने की स्थिति से अंदाजा लगाया जा सकता है कि कर्मचारियों की सेवानिवृत्ति के उपरांत उन्हें नई पंेशन योजना के अंतर्गत किस प्रकार की पेंशन धनराशि प्राप्त होगी। इस अवसर पर मुख्यमंत्री को संबोधित एक ज्ञापन डीएम को सौंपकर कर्मचारियों की जो धनराशि डिफाल्टर कंपनी में निेवेश किए जाने के कारण डूबने के प्रकरण में इसकी प्रतिपूति सरकारी कोष से करने की मांग की गयी। कर्मचारियों ने चेतावनी दी कि यदि 15 दिन के अंदर सरकार द्वारा भुगतान की गारंटी नहीं दी जाती तो कर्मचारी कार्य बहिष्कार कर देेंगे। इस मौके पर अधिशासी अभियंता नेकीराम, ब्रहमपाल, जीडी प्रजापति, अर्जुन सिंह, अरूण कुमार, अजय यादव सहि विभाग के कर्मचारी भी मौजूद रहे।