गन्ना समिति व मिलों की मनमानी के चलते हो रहा करोडों का डायवर्जन

करीब एक पखवाडा बाद जनपद की चीनी मिलें नया पेराई सत्र शुरू करेंगी, इसके लिए सभी तैयारियां जोरों पर है, लेकिन गत पेराई सत्र का बकाया गन्ना मूल्य भुगतान न होने से जिले के किसानों में भारी रोष है। 


शामली : पेराई सत्र 2018-19 के करीब 2-3 माह के गन्ना मूल्य भुगतान का लगभग 298 करोड़ रुपया जिले की चीनी मिलों पर अभी तक शेष है। गन्ना किसानों का आरोप है कि उत्तर प्रदेश सरकार द्वारा 30 सितम्बर 2019 को अवशे गन्ना मूल्य भुगतान कराने की तारीख घोषित की थी लेकिन चीनी मिल गन्ना मूल्य भुगतान नहीं करके सरकार के आदेशों की खुली अवहेलना कर उनका मुंह चिढा रही है। चीनी मिलों द्वारा समय पर बकाया गन्ना मूल्य भुगतान नहीं किए जाने के पीछे एक मुख्य कारण चीनी बिक्री से होने वाली आमदनी को मनमाने ढंग से डायवर्जन किया जाना है, इसके चलते किसानों को समय पर मूल्य भुगतान नही हो पाता है। गन्ना किसानों का कहना है कि नए पेराई सत्र से पूर्व प्रदेश सरकार द्वारा अभी तक गन्ना मूल्य में किसी प्रकार की वृद्धि नहीं करने तथा पिछले पेराई सत्र का गन्ना मूल्य भुगतान नहीं किए जाने से उन्हें दोहरी मार का सामना करना पड रहा है। इसी के चलते गन्ना किसानों को विशेष तौर पर आर्थिक परेशानियां उठानी पड रही है। गन्ना किसानों की मांग है कि उत्तर प्रदेश सरकार द्वारा बकाया गन्ना मूल्य भुगतान पूरा किए जाने तक विद्युत जैसी बडे देयों की सरकारी वसूली की प्रक्रिया पर रोक लगायी जाए। बकाया गन्ना मूल्य नही मिलने से परेशान किसानों की आवाज योगी सरकार तक पहुंचने पर भी समस्या जस की तस बनी हुई है। 


क्या कहते हैं किसान प्रतिनिधि...? 
भाकियू प्रदेश प्रवक्ता कुलदीप पंवार
ने शामली दर्पण को बताया कि प्रत्येक वर्ष सरकार सिर्फ मिल मालिकों पर एफआईआर दर्ज कर खानापूर्ति भरी कार्रवाई कर देती है, लेकिन इससे किसानों का बकाया फंसा रह जाता है। सरकार को सख्ती दिखाते हुए किसानों को राहत दिलाने की जरूरत है। भाकियू मंडल अध्यक्ष भंवर सिंह ने बताया कि किसानों का जितना भी बकाया है, वह जल्द से जल्द नया सत्र शुरू होने से पहले ही मिलना चाहिए। भाकियू नेता अजय पंवार ने बताया कि नियमानुसार गन्ना मूल्य का भुगतान दो सप्ताह की समय अवधि में हो जाना चाहिए, लेकिन गन्ना विभाग की मिलीभगत से किए जा रहे करोडों रुपये के डायवर्जन के कारण किसानों को समय से भुगतान नहीं मिल पा रहा है। देरी की स्थिति में ब्याज सहित गन्ना मूल्य भुगतान किए जाने का भी प्रावधान है।


क्या बोले जिला गन्ना अधिकारी ?
जिला गन्ना अधिकारी विजय बहादुर ने शामली दर्पण को बताया कि वें फिलहाल लखनऊ में हैं। गन्ना किसानों के बकाया का भुगतान कराने के पूरे प्रयास किए जा रहे हैं। डायवर्जन का आरोप सही नही है। मिलों द्वारा अपना प्रोडक्ट बेचने के बाद उसका पेमेंट आने में कुछ दिन लग जाते है। 


 



  • शामली की चीनी मिलों पर बकाया
    थानाभवन      151 करोड
    शामली         87 करोड
    ऊन           59 करोड
    कुल बकाया     298 करोड