चीन के बजाय भा रहा भारत का...

 पिछले दो-तीन सालों से चीनी दीयों के प्रति लोगों का आकर्षण कम होने के चलते हाथ से बने दीयों को ज्यादा तवज्जो दी जा रही है जिससे दीया बनाने वाले कारीगरों के चेहरों पर मुस्कान दिखाई दे रही है। उनका कहना था कि पिछले साल से उनके व्यापार में काफी बढोत्तरी हुई है और लोग मिट्टी के बने दीयों की ही मांग कर रहे हैं। 



शामली: भारत में चीनी सामान का दबदबा होने से यहां की कंपनियों को भारी नुकसान उठाना पड रहा है। चीन ने भारत के लगभग सभी बाजारों में अपना कब्जा कर रखा है, इनमें भारतीय त्यौहारों पर भी चीनी कंपनियां बेहद कम दामों पर अपने आइटम बाजार में उतारकर भारतीय कंपनियों को तबाह करने पर तुली हुई हैं लेकिन अब लोगों में बदलाव आ रहा है और लोग चीनी सामानों का बहिष्कार कर अपने ही देश में बने सामानों को ज्यादा महत्व दे रहे हैं, इनमें दीया कारोबार भी शामिल है। मिट्टी के दीये बनाने वाले कारीगरों का कहना था कि चीन के दीयों ने उनका व्यापार चौपट कर दिया था लेकिन दो-तीन साल पूर्व जिस तरह चीन ने जिस तरह भारत को आंख दिखाई, उससे पूरे देश में आक्रोश फैल गया था। देश के लोगों ने चीन के सामानों का बहिष्कार कर भारत में बनी चीजां की खरीददारी शुरू कर दी। पिछले साल भी यही स्थिति रही और चीनी सामान की ज्यादा बिक्री न होने से चीनी कंपनियों को तेज झटका लगा था वहीं इस बार भी लोग चीनी दीयों के बजाय भारत के बने दीयों की ही खरीददारी कर रहे हैं जिसके चलते उनका ठप्प हुआ व्यापार एक बार फिर रफ्तार पकडने लगा है। इस बार भी उन्हें कई दुकानदारों के आर्डर मिले हैं जिसके चलते उनका परिवार दिन रात दीया निर्माण के कार्यों में जुटा हुआ है। वहीं चीनी लक्ष्मी-गणेश की खरीददारी भी बेहद कम हो गयी है। लोग भारत की बनी प्रतिमाओं को ही खरीद रहे हैं।